Monday, September 10, 2018

प्रेस रिव्यू: भारतीय सेना में हो सकती है डेढ़ लाख नौकरियों की कटौती

में दी गई ख़बर के मुताबिक भारतीय सेना अगले चार से पांच सालों में 1, , नौकरियों में कटौती कर सकती है.
थल सेना में बड़े स्तर पर की गई एक समीक्षा के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है कि सेना को अपना प्रभाव बढ़ाने और भविष्य की लड़ाइयों के लिए तैयारी करनी चाहिए.
इस फ़ैसले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने ये बात कही. इस समीक्षा के आदेश 21 जून को दिए गए थे.
सैन्य सचिव लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधु की अध्यक्षता में 11 सदस्यों के पैनल ने ये समीक्षा की है.भी तक व्हाट्सऐप से तलाक देने के मामले सामने आते थे, लेकिन एक मामले में जज ने आदेश ही व्हाट्सऐप कॉल के ज़रिए दे दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार झारखंड में हज़ारीबाग की एक अदालत के जज ने व्हाट्सऐप कॉल के ज़रिए आदेश दे दिया.
इस जज ने आरोप तय करते हुए कॉल के ज़रिए ही अभियुक्तों को मुकदमे का सामना करने का आदेश दिया. फिर जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो शीर्ष अदालत ने इस तरह फ़ैसला देने पर नाराज़गी जताई और कहा कि ऐसे मज़ाक को अदालत में मंज़ूरी कैसे दी गई.
ये मामला 2016 के दंगों से जुड़ा है और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला इसमें अभियुक्त हैं. में दी गई एक ख़बर में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि घृणा फैलाने और भीड़ की हिंसा जैसे मामलों में शामिल लोग ख़ुद को राष्ट्रवादी नहीं कह सकते.
उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए सिर्फ़ क़ानून ही पर्याप्त नहीं है बल्कि सामाजिक व्यवहार में बदलाव लाना भी ज़रूरी है.
इस मसले के राजनीतिकरण पर नाराज़गी जताते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि इसे राजनीतिक दलों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.
वेंकैया नायडू ने एक साक्षात्कार के दौरान ये बातें कहीं. उन्होंने ये भी कहा कि' भीड़ की हिंसा का चलन कोई नया नहीं है. पहले भी ऐसी घटनाएं होती रही हैं. जब आप किसी दूसरे की हत्या करते हैं तो ख़ुद को राष्ट्रवादी कैसे कह सकते हैं?'की एक ख़बर में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया है कि काम करने के बदले यौन संबंध की मांग करना या इसे स्वीकार करना भी रिश्वत माना जाएगा.
अधिकारी के मुताबिक संशोधित भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून में रिश्वत की परिभाषा सिर्फ़ आर्थिक या धन के रूप में आकलन लायक संपत्ति तक सीमित नहीं रखी गई.
यौन संबंध की ऐसी मांग के मामले में सात साल जेल तक की सज़ा हो सकती है. में कठुआ रेप से जुड़ी ख़बर है. इसके मुताबिक जम्मू-कश्मीर के कठुआ में नाबालिग बच्ची से रेप और उसकी मौत के मामले में पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों ने कहा है कि लड़की का यौन उत्पीड़न हुआ था और उसकी मौत दम घुटने से हुई थी.
डॉक्टरों ने हाल ही में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के सामने अपना बयान दर्ज कराया.
इस मामले में अदालत में अभी तक 54 लोग गवाही दे चुके हैं. ये मामला जनवरी का है जब कठुआ ज़िले के एक गांव में लड़की की कथित रूप से यौन उत्पीड़न के बाद हत्या कर दी गई थी.
भाजपा की दिल्ली में हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विदाई भाषण के साथ एक तरह से 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों का शंखनाद कर दिया.
इसके साथ ही बीजेपी अब पूरी तरह से चुनाव अभियान के मूड में उतर जाएगी.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी से यह सीधा संदेश दे दिया गया कि पूरी तरह से कांग्रेस पर निशाना साधा जाएगा और राजनीतिक रणनीतियों के तौर पर चुनावों में आक्रामक रुख बरकरार रखा जाएगा.
इसका उदाहरण भी हमें इसी बैठक में देखने को मिला जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर हमलावर रुख़ अख़्तियार करते हुए विशेष रूप से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के वित्त मंत्री और गृह मंत्री रहे पी.चिंदबरम को निशाने पर लिया.
इस मामले में चिंदबरम को विशेष तौर पर इसलिए सामने रखा गया क्योंकि उनकी छवि एक अंग्रेज़ी बोलने वाले और सभ्रांत वर्ग से आने वाले व्यक्ति के रूप में है.
इस वर्ग को आमतौर पर मोदी के ख़िलाफ़ समझा जाता है. चिंदबरम की पृष्ठभूमि में ही अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा भी शामिल हो जाते हैं.
अमित शाह ने एकबार फिर साफ़ कर दिया कि उनकी पार्टी का ट्रंम्प कार्ड मोदी और उनका चमत्कारिक नेतृत्व है.
पार्टी के नेतृत्व में किसी तरह के बदलाव की क्षणिक आशंकाओं को भी उन्होंने अपने इस बयान के साथ दूर कर दिया.
कार्यकारिणी में यह भी साफ़ हो गया कि 2019 के चुनाव में बीजेपी के चाणक्य और रणनीतिकार अमित शाह ही रहेंगे. यह साफ़ संकेत है कि इन चुनावों में बीजेपी एक पूरी तरह से तैयार सेना के तौर पर उतरेगी जिसकी कमान मोदी और शाह संभालेंगे.
पिछले कुछ सालों में मोदी और शाह ने अपने नेतृत्व से पार्टी कैडर को अपनी अजेय छवि का साफ़ संदेश दिया है.
यही रणनीति थी जिसके दम पर नरेंद्र मोदी ने साल  से  तक गुजरात में राज किया.
दिल्ली में हुई बैठक के साथ अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं को इस बात के लिए आश्वस्त किया कि वे विपक्ष की बातों में ना आएं और इतना यक़ीन रखें कि जीत उनकी ही होगी.
कार्यकारिणी के अंतिम दिन शाम को जब मोदी ने बैठक को संबोधित किया तो उन्होंने भी अपने भाषण से पार्टी के अजेय होने के संदेश को ही सबके सामने रखा.
'अजेय भारत और अटल बीजेपी' यह नारा बहुत-ही ध्यान रखकर गढ़ा गया है जिससे भारत में बीजेपी की पहचान को बताया जा सके.
यह नारा शाइनिंग इंडिया की तरह नहीं है जिसमें एक तरह का घमंड और अहंकार छिपा हुआ था. 'अजेय भारत और अटल बीजेपी' का नारा एक धर्मनिरपेक्ष नारा लगता है जिसमें राष्ट्रीयता का पुट भी छिपा हुआ है साथ ही संघ परिवार की विचारधारा भी देखने को मिलती है.

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